मुहँ से निकले शब्द वापस नहीं लिए जा सकते

मुहँ से निकले शब्द वापस नहीं लिए जा सकते हम नजाने कितनी बाटे दिनभर करते हे। कवी झूट तो कवी सच चलिए आज जानते हे की मुँह से निकली हुए बात।
एक किसान ने अपने घर के पड़ोसी की निंदा की ।
अपनी गलती का अहसास होने पर वह पंडित के पास क्षमा मांगने गया ।
पंडित ने उसको कहा कि वह पंखो से भरा एक थैला गाँब के बीचोंबीच बिखेर दे ।
किसान ने बसे ही किया जैसे पतित ने बोला था , फिर पतित ने कहा की जाओ और अब सभी पंख थैले में भर लाओ ।
किसान ने ऐसा करने की बहुत कोशिश और मेहनत की, मगर सारे पंख हवा से इधर-उधर उड़ गए थे ।
जब वह खाली थैला लेकर लौटा, तो पंडित ने कहा किसान से कि अरे यही बात हमारे जीवन पर लागू होती है ।
तुमने बात तो बड़े आसानी से कह दी, लेकिन उसे वापस नहीं ले सकते, इसलिए कोईभी शब्दों के बोलने से पहले ज्यादा सावधानी बरतनी चाहिए ।
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FAQs for the story कहानी के सावाल और उनके जवाब
कहानी का मुख्य संदेश क्या है?
कहानी में यह बात साफ होती है कि हमारे बोले शब्द और किए गए कार्यों का महत्व होता है, और यह दिखाती है कि वे दूसरों पर कैसा प्रभाव डाल सकते हैं।
किस घटना ने किसान को पंडित से क्षमा मांगने के लिए उत्तेजित किया?
किसान ने अपने पड़ोसी की आलोचना की, और बाद में अपनी ग़लती को महसूस किया। इससे उसे पंडित से क्षमा मांगने की इच्छा हुई।
पंडित ने किसान को क्या काम सौंपा?
पंडित ने किसान को एक पूरे थैले में भरे हुए पंखों को गाँव के बीच में छिड़कने और फिर सभी पंखों को थैले में वापस भरने का आदेश दिया।
पंडित द्वारा दिए गए काम का महत्व क्या है?
पंडित द्वारा दिए गए काम में पंखों को छिड़कना और फिर उन्हें वापस इकट्ठा करने का अर्थ है कि वैसे ही जैसे पंखों को आसानी से छोड़ दिया जा सकता है, उतनी ही मुश्किल से उन्हें वापस लिया जा सकता है।
पंडित ने काम को जीवन से कैसे तुलना की है?
पंडित ने काम को जीवन से तुलना की है, बताते हुए कि जैसे छिड़े हुए पंखों को आसानी से नहीं वापस किया जा सकता, वैसे ही बोले गए शब्दों को भी वापस नहीं लिया जा सकता। इसलिए व्यक्ति को बोलने से पहले सावधानी बरतनी चाहिए।
कहानी शब्दों और उनके प्रभाव के बारे में क्या सिखाती है?
कहानी में बोले गए शब्दों की अविरोधी शक्ति और उनके असोचे समझे प्रभाव को दर्शाती है, और इसमें जताया गया है कि बोले गए शब्दों को विचारपूर्वक और जिम्मेदारीपूर्वक बोलना चाहिए।
कहानी को वास्तविक जीवन सितुएशन से कैसे जोड़ा जा सकता है?
कहानी में दर्शाया गया है कि बोले गए शब्दों का जिम्मेदारीपूर्वक इस्तेमाल करना कितना महत्वपूर्ण होता है, जो रिश्तों पर बहुत बड़ा प्रभाव डाल सकता है और दूरदृष्टि बना सकता है।
किसान के अनुभव से लोग क्या सीख सकते हैं?
लोग विचारपूर्वक और जिम्मेदारीपूर्वक बोले गए शब्दों की महत्वता समझ सकते हैं। यह उन्हें यह सिखाती है कि बिना सोचे समझे बोले गए शब्दों से अनजाने में किसी को चोट पहुंच सकती है या गलतफहमी पैदा कर सकती है।
कहानी का व्यापक मोरल क्या हो सकता है?
कहानी का व्यापक मोरल यह सुझाता है कि शब्दों में बहुत ताकत होती है, और उन्हें सोच-समझकर और जिम्मेदारीपूर्वक बोलना चाहिए, ताकि अनचाहे नुकसान से बचा जा सके।
कहानी में नुकसानदायक बोलचाल से बचाव का समाधान क्या हो सकता है?
कहानी का समाधान शब्दों को विचारपूर्वक और सावधानीपूर्वक बोलने की सलाह देती है, ताकि अनजाने में किसी को चोट ना पहुंचे।